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कहानी संग्रह >> नकबेसर कागा ले भागा

नकबेसर कागा ले भागा

चन्द्रकिशोर जायसवाल

प्रकाशक : राधाकृष्ण प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2024
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 17192
आईएसबीएन :9789348157430

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"अनदेखे जीवन की सच्ची कहानियाँ : भारतीय समाज की उपेक्षित सच्चाइयों का प्रामाणिक चित्रण।"

चन्द्रकिशोर जायसवाल की कहानियों में भारतीय जीवन का यथार्थ अपने उसी रूप में आता है, जिस रूप में वह हमारे रोज़मर्रा जीवन का हिस्सा होता है। कोई वाद या विचार उसे न विकृत करता है, न महिमामंडित।

इस संग्रह में उनकी चर्चित कहानी ‘नकबेसर कागा ले भागा’ के अलावा छह और कहानियाँ शामिल हैं जो जीवन के विभिन्न पक्षों और हमारे आसपास के चरित्रों के सामाजिक और मानसिक अन्तर्जीवन का वास्तविक चित्र प्रस्तुत करती हैं।

चन्द्रकिशोर जायसवाल लोक, परिवेश और जीवन के उपेक्षित क्षेत्रों की गहरी समझ रखते हैं। यही वह चीज़ है जो उनकी कहानियों को विश्वसनीय और समाजशास्त्रीय विवेचन के लिहाज से प्रामाणिक बनाती है।

इस संग्रह की शीर्षक कथा में उन्होंने भिखारियों के रहन-सहन, उनकी भावनाओं, इच्छाओं और आपस में उनके रिश्तों को अंकित करते हुए मानवीय अनुभवों का एक मार्मिक और यथार्थपरक वितान रचा है।

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